21 अगस्त 2020 को, व्हाट्सअप यूज़र ने एक मैसेज भेजा जिसमे कांग्रेस की आलाकमान सोनिया गाँधी को टारगेट करते लिखा था “सोनिया गांधी ने देश के लिए क्या-क्या काम किया है ? राजीव गांधी अपने पूरे जीवन काल मे कुल 181 रेलिया की थीं। जिसमे 180 में सोनिया गांधी भी उसके साथ थी, बस उस दिन साथ नही थी, जिस दिन राजीव गांधी के जीवन की अंतिम रैली हुई….। कुछ इसी प्रकार के मैसेज के साथ यह वायरल किया जा रहा है जिसमे सोनिया गाँधी को राजीव गाँधी की हत्या का जिम्मेदार बताया गया है. इसके साथ ही सोनिया गाँधी के चरित्र को लेकर भी झूठी खबरे फैलाई जा रही है. इसी तरह का मैसेज अप्रैल 2019 में भी शेयर किये गए थे. ” फेसबुक,ट्विटर व अन्य प्लेटफॉर्म पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से संबंधित प्रश्नों और उत्तरों की एक सूची ट्वीट की। ट्वीट्स की एक शृंखला में, यूज़र ने सुझाव दिया कि अपने पूरे राजनीतिक करियर में राजीव गांधी हर रैली में सोनिया गांधी के साथ थे, केवल एक को छोड़कर, जहां उनकी हत्या की गई थी। इस प्रकार, अपने दिवंगत पति राजीव गांधी की हत्या की साजिश में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की संभावित भागीदारी का यह सुझाव देता है।

इस मैसेज की सभी पॉइंट के संदेश निम्नलिखित हैं:
सोनिया गांधी ने देश के लिए क्या-क्या काम किया है?
- राजीव गांधी अपने पूरे जीवन काल मे कुल 181 रेलिया की थीं। जिसमे 180 में सोनिया गांधी भी उसके साथ थी, बस उस दिन साथ नही थी, जिस दिन राजीव गांधी के जीवन की अंतिम रैली हुई।
- राजीव गांधी की हत्या के समय 14 लोगो की भी मौत हुई थी। मगर मजे की बात इन मरने वाले 14 लोगो में एक भी कोंग्रेसी नेता नही था, जो भी मरे आम लोग थे। क्या ये सम्भव है कि देश के प्रधानमंत्री की रैली में उनके साथ एक भी बड़ा कोंग्रेसी नेता नही हो…?
राजीव गांधी के साथ कोई बड़ा या छोटा कांग्रेसी नेता नहीं मरा, ना सोनिया गांधी जो हर सभा में राजीव गांधी जी के साथ रहतीं थीं। उस दिन होटल में सरदर्द के कारण रुक गईं थी, ये आफिशियल स्टेटमेंट हैं। तो क्या सबको मालूम था, कि क्या होने वाला है ? और इस तरह पूरी कांग्रेस विदेशियों द्वारा हाइजैक कर ली गई।?*
- बाद मे खुद प्रियंका गांधी ने अपने बाप के कतिल को कोर्ट मे माफ करने की अपील कर दी थी।?*
- जब से इटली की सोनिया गाँधी इस परिवार की बहू बनकर आयी है जब से अब तक इस गांधी परिवार मे एक भी मत्यु को प्राकृतिक मृत्यु का सौभाग्य प्राप्त नही हुआ है, सब अप्राकृतिक मौत मरे हैं
- इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी के ससुर कर्नल आनंद अपने ही फार्म हाउस से थोडी पर गोली लगने से मरे पाये गये थे।
संजय गांधी हवाई जहाज गिर जाने से मारे गये । इंदिरा गांधी अपने ही अंगरक्षकों के द्धारा गोली मारे जाने से मारी जाती है।
- राजीव गांधी को बम से उड़ा दिया जाता है । सोनिया गांधी की सबसे खास सहेली (प्रियंका गांधी की सास व रॉबर्ट वाड्रा की माँ) जो इटली में उनके साथ बार डांसर थी जब सोनिया शादी के पहले जिस बीयर बार मे बार डांसर का काम करती थी। उस सहेली का परिवार वाड्रा परिवार था जिस घर मे प्रियंका गांधी रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी बनकर गयी थी।
- प्रियंका गांधी के ससुर राजेन्द्र वाडरा दिल्ली के एक गेस्ट हाउस मे मरे पाये जाते है । प्रियंका गांधी की ननद जयपुर दिल्ली हाइवे मे कार दुर्घटना में मारी जाती है। प्रियंका गांधी के देवर मुरादाबाद के एक होटल मे मरा पाया जाता है।
- राजीव गांधी के सबसे खास दो दोस्त माधवराव सिंधिया राजेश पायलट यह तीनो उस बीयर बार में एक साथ जाया करते थे जिस बीयर बार मे सोनिया शादी के पहले बार डांसर थी।
- राजेश पायलट एक सड़क दुर्घटना में मारा जाता है और माधवराव सिंधिया जहाज दुर्घटना मे मारा जाता है*
हम खुद देख सकते है, केरल में नम्बी नारायण को जेल, गोधरा व मालेगांव कांड में हिन्दुओ को फसाना व पाकिस्तान आतंकवादियों को छोड़ना,हिन्दू आतंकवाद शब्द का जन्म, करोड़ों व अरबो के घोटाले, देश को कमज़ोर करना, इमरजेंसी स्टॉक 40 से 7 दिन करना, सेना को गोला बारूद ना देना, बुलेट प्रूफ जैकेट्स न देना, लड़ाकू विमान न खरीदना, कश्मीर से हिन्दू पंडितो से निकलना, 26/11 के लिए पाकिस्तान पर एक्शन के लिए मना करना, चीन के अम्बेसडर से मिलना व बाद में इनकार करना, सबूत देने पर सफाई देना, डिफॉल्टर को बैंक के मना करने के बावजूद अरबो रुपए के लोन देने, अब लंदन कोर्ट की मोहर से जग जाहिर। सबसे बड़ी बात संसार की चौथी अमीर सियासतदान, बिना कोई काम से।
#विशेष – संसद में हमले के दिन भी सोनिया -राहुल गांधी संसद नहीं गए थे। इस पोस्ट को आप गर्व से शेयर और कॉपी करें ताकि जन जन तक ये संदेश पहुंचे और पोस्ट की सार्थकता सिद्ध हो “
एडवोकेट सचिन पचौरी, पुर्व प्रवक्ता, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, कुलाधिपति, अखण्ड भारत निर्माण संघ
FACT
INDIAFAKENEWS ने इसकी पड़ताल की जिसमे किये जा रहे दावे गलत व बेबुनियाद पाया है. रिवर्स इमेज की सहायता से हमे फैक्ट चैकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ की रिपोर्ट मिली जिसमे इन सभी बातो का खंडन किया गया है.
1 और 2. 1 और 2 सवालों के जवाब सही हैं। जैसा कि दावा किया गया है, राजीव गांधी 1991 में श्रीपेरुम्बुदूर, तमिलनाडु में एक चुनावी रैली का नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री उम्मीदवार थे, जहाँ एक आत्मघाती हमलावर द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी।
3. हां, दावे के अनुसार, आत्मघाती हमले में चौदह लोगों की मौत हो गई, जिसमें राजीव गांधी की भी मौत हुई।
4. यह उत्तर झूठा दावा करता है कि आत्मघाती हमले में गांधी को छोड़कर कोई भी कांग्रेसी नेता नहीं मारा गया था। हमले में मरने वाले 14 लोगों की सूची में कम से कम तीन कांग्रेस सदस्य शामिल हैं। दक्षिण चेन्नई महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं संथानी बेगम की भी हमले में मौत हो गई थी। एक अन्य कांग्रेसी ‘लीग’ पी मुनुसामी, जो कि तमिलनाडु विधान परिषद के तत्कालीन सदस्य थे, हमले में मरने वालों में से थे। एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता, लता कन्नन पीड़ितों में से एक थीं, जिन्होंने भी अपनी जान गंवाई। हमले से पहले के क्षणों में क्लिक किए गए, एक तस्वीर में (नीचे पोस्ट किया गया), संथानी बेगम को राजीव गांधी के साथ खड़े देखा गया था।

5. वायरल पोस्ट के इस प्रश्नोत्तर में दावा किया गया है कि कोई भी कांग्रेसी नेता घायल भी नहीं हुआ; हमले में राजीव गांधी अकेले मारे गए। पिछले दावे की तरह, यह दावा भी गलत है। यह सुझाव देना अजीब है कि कांग्रेस पार्टी की चुनावी रैली के दौरान घायल हुए 43 लोगों में से कोई भी पार्टी से नहीं जुड़ा था। उम्मीदवार मरददम चंद्रशेखर, जिनके लिए राजीव गांधी चुनाव प्रचार कर रहे थे, घायल हो गए थे। जैसा कि ऊपर कहा गया है, कांग्रेस पार्टी से जुड़े कम से कम तीन लोग मारे गए थे।
6. छठे प्रश्नोत्तर में, दावा किया जा रहा है कि किसी राजनीतिक नेता का सार्वजनिक रूप से अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं या पार्टी के सदस्यों से घिरा नहीं होना असंभव है। हालांकि इस प्रश्न का उत्तर सही है, मगर, इस प्रश्न में, सभी प्रश्नों के संदर्भ में देखते हुए, यह सुझाव देने का प्रयास किया गया है कि रैली में कोई कांग्रेस नेता मौजूद नहीं था। सुझाया गया यह दावा झूठा है। जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है, एक महिला कांग्रेस अध्यक्ष हत्या से ठीक पहले गांधी के सामने खड़ी थी, जबकि दावे में कहा गया था कि कोई भी कांग्रेसी नेता उनके आसपास मौजूद नहीं था।

7 और 8. इन सवालों में यह सुझाया गया है कि अपराधी गांधी के इतना करीब कैसे जा सकीं, अगर वह उनकी हत्या करने की नियोजित साज़िश नहीं थी। ऊपर पोस्ट की गई उसी तस्वीर से जुड़े कैप्शन के अनुसार, चमेली के फूल लगाए वह लड़की, धानू, आत्मघाती बेल्ट बॉम्बर थी जिसने राजीव गांधी को विस्फोट में मार डाला। गांधी और धानु के बीच की दूरी 5 मीटर से कम है, जो उपरोक्त तस्वीर में बहुत स्पष्ट दिखाई देता है। इसलिए यह दावा कि आत्मघाती हमलावर गांधी के बेहद करीब खड़ी थी और यह सुझाव कि वह हमला हत्या की सुनियोजित साज़िश थी, यह सही भी हो सकता है। हालांकि, राजनीतिक नेताओं और नागरिकों या पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पहले से तय किए बिना कोई चर्चा होना भी भारत में असामान्य नहीं है। उदाहरण के लिए, नीचे दिए गए वीडियो में, 0:25वें मिनट में, आप एक व्यक्ति को गांधी तक पहुंचते और उनके पैरों को छूते हुए देख सकते हैं
9 और 10. अंतिम दो प्रश्नोत्तर में यह बताकर — कि सोनिया गांधी, राजीव गांधी के साथ 181 रैलियों, जिन्हें राजीव ने संबोधित किया था, में से प्रत्येक में देखी गई थीं। इसमें केवल एक को छोड़कर जिसमें राजीव गांधी की हत्या की गई थी — सोनिया गांधी को उलझाने का प्रयास किया गया है। राजीव गांधी द्वारा संबोधित रैलियों की कुल संख्या की पुष्टि करने का कोई स्रोत नहीं है। हालाँकि यह दावा, कि सोनिया गांधी सिर्फ इस विशेष रैली में शामिल होने से चूक गईं, झूठा है।
जिस रैली में गांधी की हत्या की गई, वह तीसरी रैली थी जिसे राजीव गांधी संबोधित करने वाले थे। सोनिया गांधी उस दिन दिल्ली में होने के कारण उनकी किसी भी रैली में शामिल नहीं हुई थीं। यह तथ्य अकेले इस सिद्धांत को खारिज करता है, कि सोनिया गांधी अंतिम रैली को छोड़कर बाकी सब रैलियों में शामिल हुई थीं।

indiafakenews ने राजीव गांधी के राजनीतिक करियर के दौरान उनकी रैलियों के कई वीडियो का विश्लेषण किया और कई वीडियो पाए जिनमें सोनिया गांधी उनके साथ नहीं थीं।
नीचे पोस्ट किए गए वीडियो में, राजीव गांधी एक रैली में मंच की ओर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां वह कांग्रेस नेता और दिग्गज अभिनेता राजेश खन्ना के लिए प्रचार कर रहे हैं। वीडियो में 0:51वें मिनट पर, कोई भी यह स्पष्ट रूप से यह समझ सकता है कि सोनिया गांधी इस रैली में मौजूद नहीं थीं।
इस वीडियो (नीचे) में 5:35वें मिनट पर देखा जा सकता है कि राजीव गांधी लोगों के बीच एक और रैली में हैं जहां सोनिया गांधी मौजूद नहीं थी।
सोनिया शादी के पहले बीयर बार मे बार डांसर का काम करती थी ?
हमने जब कीवर्ड्स की सहायता से सर्च किया तो BBC की रिपोर्ट मिली जिसमे इस पुरे दावे को फेक बताया है. रिपोर्ट के अनुसार –
‘Bar girl in India’ गूगल में सर्च करने पर सोनिया गांधी का नाम क्यों आया ?
बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया पर ये दावा किया कि जब वो गूगल सर्च इंजन में ‘Bar girl in India’ या ‘Italian Bar girl’ सर्च कर रहे हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी का नाम सबसे पहले रिज़ल्ट के तौर पर दिख रहा है. कुछ लोगों ने दावा किया कि ऐसा सिर्फ़ गूगल सर्च इंजन पर नहीं दिख रहा, बल्कि बिंग सर्च इंजन से भी कमोबेश ऐसे ही नतीजे सामने आ रहे हैं. गूगल ट्रेंड्स की मानें तो लोगों ने 19 दिसंबर को सुबह 7:30 बजे से ‘Bar girl in India’ तेज़ी से सर्च करना शुरू किया. गूगल ट्रेंड्स के अनुसार भारत के उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य में इसे सबसे ज़्यादा सर्च किया गया और ये भी कि 19 दिसंबर को ‘बार गर्ल इन इंडिया’ भारत के सबसे बड़े सर्च ट्रेंड्स की सूची में शामिल रहा. हालांकि 20 दिसंबर की सुबह तक इसे सर्च करने वालों की संख्या घटकर आधी रह गई थी.
कैसे सोनिया गांधी का नाम सर्च में आया?
इंटरनेट की एल्गोरिदम की समझ रखने वाले मानते हैं कि जिन लोगों ने इसकी सत्यता की पुष्टि करने के लिए सोनिया गांधी के नाम के साथ ‘bar’, ‘India’, ‘girl’ और ‘Italian’ की-वर्ड इस्तेमाल किए होंगे, उनकी वजह से रिज़ल्ट में सोनिया गांधी के नाम के आने की संभावना बढ़ती गई होगी.

सवाल :-प्रियंका गांधी के ससुर राजेन्द्र वाडरा दिल्ली के एक गेस्ट हाउस मे मरे पाये जाते है । प्रियंका गांधी की ननद जयपुर दिल्ली हाइवे मे कार दुर्घटना में मारी जाती है। प्रियंका गांधी के देवर मुरादाबाद के एक होटल मे मरा पाया जाता है.
कौन हैं रॉबर्ट वाड्रा?
हमे BBC की रिपोर्ट मिली जिसमे रोबर्ट वाड्रा की फॅमिली के बारे विस्तार से बताया गया है.
रॉबर्ट वाड्रा 18 अप्रैल 1969 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में पैदा हुए. मुरादाबाद भारत में पीतल के काम के लिए प्रसिद्ध है. उनके पिता राजेंद्र वाड्रा पीतल व्यवसायी थे और माँ मूलत: स्कॉटलैंड की रहने वाली है.

इसलिए, यह दावा कि राजीव गांधी की अंतिम रैली ऐसी अकेली रैली थी जिसमें सोनिया गांधी शामिल नहीं हुईं, किसी भी प्रकार से सही नहीं है।
निष्कर्षतः, वायरल सोशल मीडिया पोस्ट में किए गए दावे जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साज़िश में सोनिया गांधी के हाथ का सुझाव देने का प्रयास करते हैं, झूठे हैं। इस दावे की जड़ यह थी कि राजीव गांधी को मारने वाले धमाके के समय कोई भी कांग्रेसी नेता उनके साथ नहीं था/घायल/मृत नहीं हुआ और सोनिया गांधी, राजीव गांधी के साथ हर रैली में रहीं, केवल अंतिम एक को छोड़कर, जिसमें उनकी हत्या की गई थी। दोनों ही दावों को साफ तौर पर गलत पाया गया है। यह सारी प्रासंगिक जानकारी खोजने के लिए सामान्य गूगल खोज पर्याप्त है।
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